इन कारणों के किसी एक या एक से अधिक का हस्तक्षेप से, भारत में हमेशा से ही HD न्यूज़ चैनलों की कमी रही है। क्यों कम है? भारत में न्यूज़ चैनलों के लिए अत्यधिक प्रतिस्पर्धा है। भारत में बहुत सारे न्यूज़ चैनल हैं और सभी उन्हें कोई नया रोमांच या कोई विशेष रीति पाने के लिए काम कर रहे हैं। अक्सर लोगों का मन ही उन्हें देखने के लिए होता है और वे अपने रोमांच को प्रचार करने के लिए काम करते हैं। उभरते समाचार चैनलों के कारण, HD न्यूज़ चैनल की संख्या कम हो रही है। इसके अतिरिक्त, भारत में कई HD न्यूज़ चैनलों को कैसे प्रचार किया जा सकता है इस समस्या को सुलझाना भी मुश्किल है।
HD न्यूज़ चैनल के लाभ और हानियाँ
HD न्यूज़ चैनल आज के समय में एक बहुत ही महत्वपूर्ण संसाधन हैं। ये आपको सभी तरह की सुविधाओं को प्रदान करते हैं, जैसे की अधिक सुंदर और साफ प्रदर्शन, बेहतर और अधिक न्यूज़ और स्पोर्ट्स की सूची आदि। ये आपको अधिक सुंदर और रास्ते के साथ अपने पसंदीदा न्यूज़ चैनल को देखने की अनुमति देते हैं।
हालांकि, भारत में ही होने के बावजूद, कम HD न्यूज़ चैनल उपलब्ध हैं। इसके कई कारणों में से एक है कि लोगों को इसका उपयोग करने के लिए अधिक लागत का भुगतान करना पड़ता है। यह हो सकता है कि वे इसका उपयोग करते समय कम अधिक सुविधाओं का आनंद ले पाते हो।
करना सही है। भारत में हालांकि कुछ नए HD न्यूज़ चैनल उपलब्ध हैं, लेकिन उनमें वेबसाइट और अन्य माध्यम से प्रदान किए गए कई कॉन्टेंट के लिए वे विश्व के अन्य देशों की तुलना में असाधारण हैं। यह कारण है कि कई कारक भारत में HD न्यूज़ चैनल की उपलब्धता को कम करते हैं।आज़ादी के बाद से ही भारत में संविधान और विभिन्न कानूनों की हैं। ये कानूनों के अनुसार कुछ देशों में उपलब्ध किए गए न्यूज़ चैनलों को प्रसारित करने से रोकते हैं। इसके अलावा, कुछ स्थानों में समाचार प्रोवाइडर क्षेत्रीय स्तर के न्यूज़ चैनल को प्रसारित करने के लिए पैसा खर्च करते हैं।
भारत में न्यूज़ चैनल के अधिकारों और सुरक्षा के साथ समृद्धि के कारण भी होते हैं। भारत के संविधान के अनुसार सम्पूर्ण समाज को अधिक सुरक्षा और समृद्धि के लिए अधिक आज्ञाकारी होने की आवश्यकता है। इस कारण से, भारत में संविधान के अनुसार, कई न्यूज़ चैनलों का उपयोग करने और पुनरुत्थान नहीं किया जा सकता है।
वित्तीय और तकनीकी स्त्रोतों के कमियों के कारण, भारत में HD न्यूज़ चैनल की सुविधा अभी भी कम है। संपत्ति और तकनीकी समस्याओं के कारण, कुछ देशों में उपलब्ध न्यूज़ चैनलों को प्रसारित करने के लिए भारत में पैसे का खर्च करना तकनीकी समस्याओं के कारण अभी भी कम है।