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नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को रियलटी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी, डीएलएफ को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा लगाए गए कुल 630 करोड़ रुपये जुर्माने में से 480 करोड़ रुपये जमा करने को कहा है.
सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायमूर्ति एच.एल.दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि डीएलएफ 15 जनवरी से जुर्माना पूरा होने तक 75 करोड़ रुपये की किश्तों में जुर्माना भर सकता है.
आईसीसी ने कथित तौर पर डीएलएफ द्वारा गुड़गांव की तीन परियोजनाओं में अपने ग्राहकों को नुकसान पहुंचाने के लिए अपनी प्रभावी स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए डीएलएफ पर यह जुर्माना लगाया है.
सर्वोच्च न्यायायलय, सीसीआई द्वारा डीएलएफ पर 12 अगस्त, 2011 को 630 करोड़ रुपये अर्थदंड लगाने के फैसले को चुनौती देने वाली डीएलएफ की याचिका पर सुनवाई कर रहा था.
वर्ष 2013 में प्रतिस्पर्धा अपीली न्यायाधिकरण ने भी सीसीआई के अर्थदंड लगाने के फैसले को बरकरार रखा था.